Sunday, September 12, 2010

एकांकिका - मुक्‍तिधाम

गणेशोत्‍सव 2010 रतलाम

वर्तमान में युवा पुत्र एवं वृद्ध पिता के रिश्‍तों में बढती दूरियों को दिखाता नाटक मुक्‍तिधाम उच्‍च शिक्षित तथा उच्‍च आकांक्षा रखने वाले एक ऐसे युवक की कहानी है जिसे अमेरिका में उँचे वेतन पर नौकरी प्राप्‍त हुई है इस कारण वह अपने वृद्ध पिता को बनारस के गंगा धाम स्‍थित मुक्‍तिधाम संस्‍था (वृद्धाश्रम) छोडने आता है। किंतु वहाँ के संचालक व अन्‍य वृद्ध जनों के कहने पर वह अपने पिता के साथ बचपन से लेकर जवानी तक की स्‍मृतियों को याद करता है जिससे उसका ह्नदय परिवर्तन हो जाता है एवं वह अपने पिता को मुक्‍तिधाम में नहीं रखने का निर्णय लेता है। पुत्र के निर्णय से पिता को इतनी प्रसन्‍नता होती है कि उन्‍हें गंगा किनारे स्‍थित मुक्‍तिधाम पर ही जीवन से मुक्‍ति प्राप्‍त हो जाती है।

पात्र परिचय
निर्देशक  श्री सतीश मुंगरे
चटोपाध्‍याय (मुक्‍तिधाम संचालक) गिरिश रेम्‍भोटकर
बाबा  :  सतीश मुंगरे
पुत्र शेखर :  संदीप बेहरे
नाविक :  आयुश जाधव
म्‍हातारा :  विनय बोकिल
आजी :  निलिमा होलकर

संगीत  :  समीर कोरडे
प्रकाश योजना  : प्रमोद रिसबुड


 




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